प्रकाशितवाक्य ८ में उन विपत्तियों को दर्ज किया है जिन्हें परमेश्वर इस पृथ्वी पर लाएगा। यहां सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक यह है कि संतों को उन लोगों में शामिल किया जाएगा या नहीं जो इन विपत्तियों से पीड़ित होंगे। बाइबल हमें बताती है कि संत भी सात तुरहियों की विपत्तियों से गुजरेंगे। सात विपत्तियों में से, वे अंतिम विपत्ति को छोड़कर सभी से गुजरेंगी। इस अध्याय में प्रकट होने वाली सात तुरहियों की ये विपत्तियाँ वास्तविक विपत्तियाँ हैं जिन्हें परमेश्वर इस पृथ्वी पर लाएगा। परमेश्वर हमें बताता है कि वह संसार को उन विपत्तियों से दण्डित करेगा जो स्वर्गदूतों द्वारा सात तुरहियाँ फूंकने से शुरू होंगी।
वचन १: “जब उसने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में आधे घण्टे तक सन्नाटा छा गया।”
यह मनुष्यजाति पर परमेश्वर के क्रोध के उण्डेले जाने से ठीक पहले की शांति को दर्शाता है। परमेश्वर अपनी भयानक विपत्तियों को पृथ्वी पर लाने से पहले कुछ समय के लिए मौन रहेगा। यह हमें दिखाता है कि सात तुरहियों की उसकी विपत्तियाँ कितनी भयानक और भयंकर होंगी। जब मनुष्यजाति इन विपत्तियों से गुज़रने के बाद परमेश्वर के सामने खड़ी होगी तब जिन्होंने उद्धार पाया हैं उन्हें अनन्त जीवन मिलेगा, लेकिन जिन्होंने उद्धार नहीं पाया उन्हें अनन्त दंड मिलेगा। इस प्रकार, यह समझते हुए कि यह समय किस प्रकार का है, हमें जागते रहना चाहिए और प्रचारकों का कार्य करना चाहिए।
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