परमेश्वर हमें अध्याय १८ में बताता है कि वह अपनी बड़ी विपत्तियों से बड़े नगर बेबीलोन को नष्ट कर देगा। क्योंकि अंत समय तक यह संसार परमेश्वर की दृष्टि के सामने बहुत अधिक गंदा और पापी हो गया होगा, और क्योंकि परमेश्वर के पास अपनी सृष्टि को नाश करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा इसलिए वह विनाशकारी विपत्तियों को अनुमति देगा जो पृथ्वी को समाप्त कर देंगी। इसलिए इस दुनिया को तब नाश किया जाएगा जब तक यह पूरी तरह से नष्ट न होजाए।
परमेश्वर द्वारा संसार को नष्ट करने का वास्तविक कारण यह है कि उसने अपने भविष्यद्वक्ताओं और संतों का लहू देखा। और क्योंकि इस दुनिया परमेश्वर के द्वारा दी गई चीजो के साथ बहुत अधिक और बहुत बड़े पाप किए होंगे इसलिए यह परमेश्वर के लिए सहन करना मुश्किल होगा। परमेश्वर ने जो सबसे सुन्दर गृह बनाया है वह है पृथ्वी। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वयं परमेश्वर ने इस पृथ्वी पर बड़ी दिलचस्पी के साथ कार्य किया है, और क्योंकि यह वो स्थान भी है जहाँ परमेश्वर की योजनाएँ और यीशु मसीह में पापियों को बचाने का उसका कार्य पूरा हुआ है।
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